किताबों की क्वालिटी बढ़ाने 90 प्रतिशत ब्राइटनेस वाला कागज इस्तेमाल करेगा पापुनि: त्रिवेदी
बोले पापुनि अध्यक्ष छात्रों को उत्कृष्ठ सुविधा मिलना हमारा संकल्प
रायपुर। शासकीय स्कूल में पढऩे वाले छात्रों को उत्कृष्ठ सामग्री की पुस्तक मिल सके, इसलिए पाठ्य पुस्तक निगम (PATHYA PUSTAK NIGAM) के जिम्मेदारों ने कवायद शुरू कर दी है।
पाठ्य पुस्तक निगम के पदाधिकारियों से मिली जानकारी छात्रों की पुस्तक पारदर्शी रहे और उसे पढऩे में आंखों का जोर ना लगाने पड़े, इसलिए पापुनि ने कागज की क्वालिटी बढ़ाई है। पुस्तक छापने में पापुनि के जिम्मेदारी 90प्रतिशत ब्राइटनेस वाले कागज एवं 90 प्रतिशत ओपेसिटी के कागज का इस्तेमाल करेंगे।
पुस्तकों के कवर का भी कागज बदला
पाठ्य पुस्तक निगम (PATHYA PUSTAK NIGAM) के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बताया कि कागज की खरीदी में इस वर्ष निगम बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) के पैमानों पर खुला टेंडर करके कागज खरीदी कर रहा है। बीते बरसों में 4-5 फर्में ही कागज सप्लाई टेंडर में भागीदारी करती थीं, जबकि इस वर्ष 14 फर्मों ने हिस्सा लिया है। पर्यावरण के हित में इस वर्ष निगम ने वर्जिन वुड पेपर के बजाय ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मापदंड के अनुसार कागज के उपयोग का निर्णय लिया है। इस बार के किताबों के कवर के लिए 220 जीएसएम पेपर के बजाय 250 जीएसएम का कवर पेपर लगाया जा रहा है जिससे किताबें ज्यादा सुरक्षित रहेंगी।
कागज खरीदी का शुल्क भी हुआ काम
विभागीय अधिकारियों (PATHYA PUSTAK NIGAM) ने बताया कि पिछले वर्ष कागज 68हजार 900 रुपये प्रति टन की रेट पर लिया गया था, इस वर्ष उसी कंपनी से 65 हजार 990 रुपये प्रति टन पर खरीदा जा रहा है। इस बार का कागज अधिक सफेद है, और उसकी पारदर्शिता कम रहेगी जिससे कि बच्चों को पढऩे में आराम रहेगा। इस खरीदी में 3 करोड़ से अधिक की बचत हो रही है। निगम ने कागज पर निगम के वाटरमार्क के साथ-साथ पेपर मिल के नाम को भी देने की शर्त भी रखी है जिससे मिलों को अपने कागज की क्वालिटी के प्रति अधिक सचेत रहना पड़ेगा।