कोविड-19 से ग्रस्त किडनी फेलियर रोगी हुआ ठीक, एम्स से डिस्चार्ज
चिकित्सकों की संयुक्त टीम के प्रयासों से मिली सफलता, समय पर कोविड-19 ठीक
रायपुर. मध्यप्रदेश के बालाघाट निवासी 28 वर्षीय युवक को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में दोबारा जिंदगी मिली है। किडनी फेलियर और कोविड-19 से पीड़ित यह युवक अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है। यह सभी के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है क्योंकि किडनी फेलियर में कोविड-19 होने के बाद जीवन की संभावना कम ही रहती है मगर युवक की इच्छाशक्ति और एम्स के चिकित्सकों के प्रयासों से यह संभव हो गया।
युवक किडनी फेलियर की समस्या से पीड़ित था और रायपुर के एक निजी अस्पताल में फरवरी से डायलिसिस ले रहा था। जून के दूसरे सप्ताह में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने पर इस रोगी को 11 जून को एम्स रेफर किया गया। यहां जांच में पाया गया कि वह हाई ब्लड प्रेशर और एनिमिया की समस्या से भी पीड़ित है। कोमोर्बिडीटी और कोविड-19 की वजह से इसे निमोनिया भी हो गया। इन विपरीत परिस्थितियों में भी एम्स के चिकित्सकों ने हौंसला नहीं हारा। एनीमिया की बीमारी के लिए इसे रक्त दिया गया और छह बार डायलिसिस की गई। डायलिसिस के लिए एम्स के कोविड-19 वार्ड में पृथक सुविधा उपलब्ध है।
चिकित्सकों के लिए पीपीई किट पहनकर आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुरूप इस युवक को नियमित इलाज प्रदान करना कड़ी चुनौती थी। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर और डॉ. अजॉय कुमार बेहरा के निर्देशन में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विनय राठौर, डॉ. सौरभ नायक, संगीता देवांगन और दयाराम साहा की टीम ने इस रोगी को कोविड-19 से ठीक होने में मदद दी। फिलहाल दो टेस्ट नेगेटिव आने के बाद इस रोगी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब वह अपनी अन्य बीमारियों का नियमित इलाज करवा सकता है। सामान्य तौर पर इस प्रकार के रोगियों के जीवन की संभावना 50 से कम ही होती है।