बेंगलुरु में दवा और स्टाफ की कमी COVID-19 के खिलाफ बड़ी चुनौती, 25 दिन में नौ गुना बढ़ा मौत का आंकड़ा | Drug shortage and lack of staff in Bengaluru major challenge against COVID-19
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oi-Akarsh Shukla
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 14 लाख के पार पहुंच गया है, भारत दुनिया में कोरोना से प्रभावित तीसरा सबसे बड़ा देश है। एक रिपोर्ट के मुताबिक परेशान करने वाली बात यह है कि हर दो दिन में 1 लाख मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि में महाराष्ट्र, केलर, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों का बड़ा योगदान हैं। वहीं, कर्नाटक में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने से वहां के हालात और खराब होने लगे हैं।
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दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके पीछे वजह शहर में रोगियों की चिकित्सा में देरी, कोरोन उपचार के लिए दवाओं की खरीद में कठिनाई और स्टाफ की कमी को बताया जा रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बेंगलुरु में कोरोना मामलों की कुल संख्या में जुलाई की शुरुआत से आठ गुना अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार शहर में 1 जुलाई को सकारात्मक मामलों की कुल संख्या 5290 थी, वही 25 जुलाई को बढ़कर 43,503 हो गई।
इसी समय अंतराल के दौरान महामारी से जुड़ी मौतों की संख्या में लगभग नौ गुना वृद्धि देखी गई है, जानकारी के मुताबिक 1 जुलाई तक बेंगलुरु में कोरोना वायरस से कुल 97 मौतों की पुष्टि हुई थी जबकि शनिवार यानी 25 जुलाई को शहर में कुल मौतों का आंकड़ा 862 पर पहुंच गया। जिगनी में एसीई सुहास अस्पताल के डॉ जगदीश हिरेमथ ने कहा कि शहर में बढ़ते रोगियों के साथ वेंटिलेटर की मांग को भी बढ़ा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हमने कई ऐसे मामले देखें हैं जिसमें मरीज गंभीर अवस्था में पहुंचने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप हमें रात में बहुत देर से वेंटिलेटर-सपोर्ट की आवश्यकता होती है। इससे बचने के लिए रोगियों को सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के तुरंत बाद चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल पहुंचना चाहिए।
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