123 दुर्लभ वनौषधियों का प्रेजेंटेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य की पारंपरिक वैद्यों की उपचार पद्धति जो बौद्धिक संपदा है,उस पर अनुसंधान एवं समुदायिक लाभ दिलाने की दिशा में जामिया हमदर्द विश्व विद्यालय नई दिल्ली में आयोजित 7 वे अतंराष्ट्रीय इथनोफार्मोकोलाजी सेमीनार में छत्तीसगढ़ राज्य से परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ के चार सदस्यीय दल जो वनौषधियों के जानकार हैं इस सेमिनार में भाग लिया है, परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ छत्तीसगढ़ के संरक्षक महेश चन्द्रवंशी से प्राप्त जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य की वनस्पति जैव-विविधता व परंपरागत उपचार पद्धति पर अनुसंधानकर्ताओं से संपर्क कर आमंत्रित किया है जो जल्द ही छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वैद्यों के ज्ञान व उपचार पद्धति पर अनुसंधान पर कार्य को गति मिल सकेगी,परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय सचिव निर्मल कुमार अवस्थी ने लगभग 123 दुर्लभ वनौषधियों का प्रेजेंटेशन किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य की वनस्पति जैव-विविधता और पारंपरिक उपचार पद्धति को वृहद स्तर पर पहचान बनाने का प्रयास किया।इस अवसर पर संजय कुलदीप और बिजय पाण्डेय भी सेमिनार में भाग लिया।