Raipur AIIMS में कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर अब मिल सकेंगे परिवार से
क्वारेंटाइन-सोशल मीडिया और स्किल डेवलपमेंट से कट रहा है समय
रायपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (Raipur AIIMS) के कोरोना वायरस आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ का क्वारेंटाइन पीरियड 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इसके बाद यह अपने परिजनों से मिल सकेंगे। अभी तक किसी भी स्टॉफ को कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण नहीं मिले हैं। इस दौरान किसी ने अपना समय सोशल मीडिया के माध्यम से तो किसी ने स्किल डेवलप कर काटा। अब सभी दोबारा परिजनों और साथियों से मिलने के लिए उत्सुक हैं।
टाटीबंध स्थित निजी होटलों में क्वारेंटाइन का समय व्यतीत कर रहे सीनियर नर्सिंग ऑफिसर चिंदबर कुलकर्णी, आशीष कुमार नागर, विशोक एन. और नर्सिंग ऑफिसर के. विनोद अलग-अलग तरीके से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं।
चिंदबर कुलकर्णी का कहना है कि वे घर का खाना बहुत मिस कर रहे हैं। इस दौरान वह अपने किताबों के शौक को पूरा कर रहे हैं। ज्यादातर समय पसंदीदा किताबें पढ़ते हुए व्यतीत हो रहा है। क्वारेंटाइन के दौरान अकेले रहने में परेशानी हो रही है मगर सुविधाएं काफी हैं जिससे ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही। उन्होंने इसे सेवा का एक हिस्सा माना है।
आशीष अपनों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात करते हैं। उन्होंने कहा कि घर के सर्पोट की वजह से वह इस चुनौती को स्वीकार कर पा रहे हैं। विशोक अपना समय सोशल मीडिया पर ज्यादा व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकेले रहने से दबाव ज्यादा महसूस होता है मगर जिम्मेदारी के निर्वहन से गर्व का अहसास भी हो रहा है।
के. विनोद कुमार के अनुसार एक हफ्ते तक कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के उपचार के बाद उन्हें क्वारेंटाइन किया गया। इनके परिवार में पत्नी, पुत्र एवं पुत्री हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण समयावधि थी किन्तु वह खुद को खुशनसीब समझते हैं कि इस समय में उन्हें देश सेवा में योगदान का मौका मिला। उनके अनुसार सेल्फ क्वारेंटाइन का समय व्यतीत करना थोड़ा मुश्किल जरूर है पर मित्रों एवं घर वालों की प्रेरणा से वह इसे अपना कर्तव्य मानकर पूरा कर पाए। समय व्यतीत करने हेतु वह किताबों एवं सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। यूट्यूब में भी इस सन्दर्भ में उन्हें बहुत प्रेरणादायी सामाग्री मिल रही है।