भिलाई में संविधान बचाओ रैली 23 दिसंबर को
रायपुर. नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एन.आर.सी.) जैसे कानून के विरोध में गैरसरकारी संगठनों द्वारा भिलाई में संविधान बचाओ रैली 23 दिसंबर को सेक्टर हायर सेकेण्डरी स्कूल से आस्था चैक तक निकाली जाएगी।
1906 में महात्मा गांधी ने दक्षिण आफ्रीका में गोरे अंग्रेजों द्वारा लाए गए ऐसे ही कानून ए.आर.सी. का विरोध करते हुए इस कानून को मानने से इन्कार कर दिया था। गांधी जी ने एशियाई मूल के लोगों को इस कानून के लिए हस्ताक्षर और अंगूठा नहीं लगाने कहा और इसके विरोध में सत्याग्रह का आयोजन किया। दक्षिण आफ्रिका में लाए गए इस कानून में एशियाई मूल के लोगों को अपनी पहचान सिद्ध करनी पड़ती थी।
कुछ ऐसा ही कानून यहां के काले अग्रेजों द्वारा नागरिकता संशोधन एक्ट और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण कानून के रूप में लाया गया है। जिसमें हर नागरिक को अपनी नागरिकता सिद्ध करनी पड़ेगी। यह भारत के संविधान की आत्मा के खिलाफ है। इन कानूनों से देश के दलितों, गरीबो, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। इससे इन वर्गों के लोगों को अनावश्यक रूप से कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
सरकार द्वारा लाया गया यह कानून विभाजनकारी है एवं संविधान के आत्मा के विरूद्ध है। यह देश के लोगों को बांटने वाला है, इससे लोगों के बीच वैमनस्यता पैदा होगी। यह देश की एकता – अखंडता और हमारी विविधता में एकता को नष्ट करने वाला कानून है। इसके अलावा इन दोनों कानूनों को लागू करने से देश पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
नोटबंदी के समय भी लोगों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इससे देश को कोई फायदा नहीं हुआ। इसके उलट नोटबदी के दौरान देश के कई हिस्सों में लोगों को राशन से लेकर इलाज तक परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई लोग राशि के अभाव में अस्पतालों में इलाज तक नहीं करा पाए और उनकी मृत्यु तक हो गयी।
संविधान बचाओ समिति (रायपुर नागरिक मंच) द्वारा संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण कानून को संविधान की आत्मा के खिलाफ बताते हुए राज्य के हर नागरिक, सामाजिक संगठनों को इस कानून के विरोध में भिलाई में आयोजित की जा रही रैली में शामिल होने का आग्रह किया गया है।